भजन संहिता 23
1.यहोवा हमर चरवाहा हौवें हमके कौनो कमी ना होई
2.उहमके हरी हरी चराई में लेके जाने, उ हमके जल के झरना के लगे ले जाने
3.उ हमरे जी में जी लेके आवे ने,धर्म के रास्ता पर हमके अपने नाम के निमित अगुआई करे ले
4.चाहे हम घोर अंधकार से भरल तराई से होकर जाई तबो हनी से न डरब काहेकी तू हमरे साथै रहेला तहरे सोते अउरी लाठी से हमके शांति मिलेला
5.तू हमारे सतावे वाला के साम्हने हमरा खातिर मेज बिछ्चावेला, हमारे माथे पर तेल लगावेला,हमार कटोरा उमड़ रहल बा
6.निश्च्चए भलाई अउरी करुना जीवन भर हमरे साथ बनल रही,अउरी हम यहोवा के धाम में सर्वदा वास करब l
भजन संहिता 121
1.हम आपन आख के पहाढ के तरफ उठायेब,हमके सहायता कहा से मिली
2.हमके सहायता यहोवा के ओर से मिली,जे आकाश अउरी धरती के बनवले बाने
3.उ हमरे पैर के कबो टेल ना दिहे,हमार रछक कबो न उघिहे
4.सुना, इजराएल के रछक,न उघिहन न कबो सुतिहन
5.यहोवा तोहर रछक हउवे,यहोवा तोहर दाहिने ओर आड़ हउवे
6.न दिन में धुप अउरी न रति के चांदनी से तःके कुछु हनी होई
यहोवा सारी विपति से तोहर रछा करिहे,उ तहरे प्राण के रछा करिहे
7.यहोवा तहरे आवे से लेकर जाये तक,तोहर रछा अब से लेकर सदा तक करिहे